भारत में चुनाव सुधार: एक राष्ट्र एक चुनाव के संदर्भ में

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डॉ0 जयवीर सिंह
डॉ0 सिरिल गौरन
डॉ0 सुाील कुमार शर्मा
डॉ0 महीपाल सिंह
हरीश कुमार
मोहित कुमार रस्तोगी

Abstract

यह हमारा सौभाग्य है कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है, और हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाने जाते है। निःसंदेह भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरायी तक फैली हुयी है। लेकिन हमारे लोकतंत्र की कुछ खमिया भी है। क्षरण, प्रकृति का नियम है, इसलिए हमारे लोकतंत्र में समय के साथ-साथ कुछ ऐसी चीजे भी आ गई है जिनके कारण लोकतंत्र से हमारा भरोसा कभी-कभी उठने लगता है। ऐसा तब होता है जब लोकतंत्र की नहीं, बल्कि व्यवस्था की है। इससे जुड़े लोगों की है। चुनाव या निर्वाचन लोकतंत्र का आधार कहा जाता है जिसके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है एवं उन्हें सत्ता सौंप देती है। यहां चुनावों को ‘महोत्सव’ की संज्ञा दी जाती है। दुर्भाग्यवश आज हमारी चुनाव प्रक्रिया में कुछ खामिंया पाई गई हैं जिसके कारण लोकतंत्र का अस्तित्व भी कभी-कभी खतरे में लगता है। वस्तुतः भारतीय चुनाव प्रक्रिया में सुधार किए बगैर लोकतंत्र की रक्षा करना संभव है क्योंकि निष्पक्ष एवं स्वच्छ चुनावों के बिना न तो लोकतंत्र का कोई अर्थ और न ही उसकी कोई उपयोगिता।


 

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How to Cite
डॉ0 जयवीर सिंह, डॉ0 सिरिल गौरन, डॉ0 सुाील कुमार शर्मा, डॉ0 महीपाल सिंह, हरीश कुमार, & मोहित कुमार रस्तोगी. (2024). भारत में चुनाव सुधार: एक राष्ट्र एक चुनाव के संदर्भ में. Educational Administration: Theory and Practice, 30(8), 886–888. https://doi.org/10.53555/kuey.v30i8.11100
Section
Articles
Author Biographies

डॉ0 जयवीर सिंह

चौ0 चरणसिंह विश्वविद्यालय, परिसर, मेरठ (उ0प्र0)-250004

डॉ0 सिरिल गौरन

चौ0 चरणसिंह विश्वविद्यालय, परिसर, मेरठ (उ0प्र0)-250004

डॉ0 सुाील कुमार शर्मा

चौ0 चरणसिंह विश्वविद्यालय, परिसर, मेरठ (उ0प्र0)-250004

डॉ0 महीपाल सिंह

चौ0 चरणसिंह विश्वविद्यालय, परिसर, मेरठ (उ0प्र0)-250004

हरीश कुमार

चौ0 चरणसिंह विश्वविद्यालय, परिसर, मेरठ (उ0प्र0)-250004

मोहित कुमार रस्तोगी

चौ0 चरणसिंह विश्वविद्यालय, परिसर, मेरठ (उ0प्र0)-250004